चल कहीं दूर चलते हैं
हकीकत और ख्वाब के बीच जो फासला है
आज वहां मिलते हैं
चल कहीं दूर चलते हैं
ठहर सी गयी है ज़िन्दगी
इस इश्क़ में
चल एक दूजे की बाहों में
हम आज पिघलते हैं
चल कहीं दूर चलते हैं
यूँ ही देखते देखते
ना गुज़र जाए ज़िन्दगी
इन बीतते पलों की
आज कुछ हसीन यादें बुनते हैं
चल कहीं दूर चलते हैं
हर मोड़ पे एक सवाल लिए
खड़ी है जिंदगी
चल हम आज उनके जवाब ढूंढते हैं
चल कहीं दूर चलते हैं
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